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श्री सुंदरलाल जी पगारे


श्री सुंदरलाल जी पगारे 

पिता श्री गेंदालाल जी पगारे
जन्म दिनांक :- सन 1922
पुण्य तिथि :- 30/05/1994  (जेष्ठ,कृष्ण पक्ष सत्तमी)

  गोत्र :- कौशिक 
 आपका जन्म प्रतिष्ठित पगारे परिवार में टाकली बड़गांव पश्चिमी निमाड़ में हुआ था आपके पिता का नाम गेंदालाल जी पगारे, उनके पांच पुत्र और दो पुत्रियां है पुत्रों में आप सबसे बड़े पुत्र थे आपको पूरा गांव मोटा भाई के नाम से जानता है

श्रीमती उमा विश्वनाथ प्रसाद जी सोहनी

 

श्रीमती  उमा सोहनी

पिता - पूज्य स्वर्गीय सुन्दर लाल जी पगारे

पति- श्री विश्वनाथ प्रसाद जी सोहनी (खलघाट), रिटायर्ड चीफ इंजीनियर सिचाई विभाग, हरियाणा.

जन्म तिथि- 16 फरवरी, 1939.( फागुन वदी 2/1995.

पुण्यतिथि- 12 जनवरी, 2019( पोष सुदी सप्तमी, शनिवार). 

गौत्र- वत्स.

श्रीमती प्रभा कैलाशचंद्र जी सोहनी


श्रीमती  प्रभा पति श्री कैलाशचंद्र जी सोहनी बमन गांव कसरावद। 

 पुण्य तिथि * जेष्ठ कृष्णा तीज 31 मई 2010           गोत्र वच्छ 
माता  जी  बड़गांव के प्रतिष्ठित पगारे परिवार के श्री सुंदर लाल जी प गारे की पुत्री है आप हंसमुख और सरल स्वभाव की थी आप के 1 पुत्र डॉ संजय सोहनी का असामयिक निधन हुआ आपकी बेटी निधि का खंडवा के शुक्ला परिवार के श्री  अनादि जी शुक्ला से विवाह संपन्न हुआ है।

श्री गेंदालाल गुलाबचन्दजी पगारे

 स्व.गेंदालालजी पगारे पिता स्व.गुलाब चन्दजी पगारे  टाकली बडगॉव प. नि.

जन्म:-. १-१-१९०१.          पुण्यतिथि:-७-९-१९८९                        

गौत्र. कौशिक   

आपका जन्म  टाकली बडगॉव के पगारे परिवार मे हुवा, माता का नाम भागवन्ती बाई ! पूज्य दादा के बडे भाई का नाम गजानन था और सबसे बडी बहन थी उनका नाम हिरूबाई था,हिरूबाई का ससुराल मोयदे परिवार मण्डलेश्वर था ! बडे भाई का निधन गॉव मे फैली प्लैग बिमारी मे हुवा ! आपका जनेऊ संस्कार काशीजी मे हुवा !

श्री सुरेश चंद्र जी शर्मा ,खरगोन

मेरे पिताजी श्री सुरेशचंद्र जी शर्मा, श्रीमती मनोरमा स्व श्री नारायण राव जी शर्मा की 7 सन्तानो में दुसरे नंबर पर श्री सुरेशचंद्र जी शर्मा का जन्म दिनांक 04/10/1949 (आश्विन शुक्ल दशमी )  को हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा पैतृक गांव (झाकरुड़) तथा धरमपुरी (खुजावा) मे हुई। उन्होंने पॉलिटेक्निक सनावद से डिप्लोमा करने के बाद दूरसंचार विभाग (भारत संचार निगम लिमिटेड का पूर्ववर्ती) मे T T O के पद पर रायगढ़ (छत्तीसगढ़) मे नौकरी प्रारम्भ की। 

श्रीमती सागर बाई लक्ष्मीनारायण मोयदे

श्रीमती सागर बाई मोयदे 
पति स्व. श्री लक्ष्मीनारायण जी मोयदे ( एडव्होकेट पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष )
पुण्यतिथि -  24-05-1989
गौत्र- मोनस
पिता स्व.श्री कामदार परिवार , ग्राम कानापुर तहसील कसरावद जिला खरगोन निवासी की सुपुत्री

श्रीमती शारदा देवी चौरे

हमारी माताजी श्रीमती शारदा देवी चौरे सरल सौम्य व्यवहार मैंने अपने जीवन में कभी भी उनको किसी से ऊंची आवाज में बात करते नही सुना हमको संस्कारित करने में उन्होंने कोई कसर नही छोड़ी पुजा पाठ से लेकर घर के काम तक हमको सिखाए मैंने अपनी माँ में हमेशा भगवान देखे।

श्रीमती ज्योति सुनील पगारे

श्रीमती ज्योति पति श्री सुनील पगारे

भोपाल (बडगांव टाकली वाले) 

जन्म-         24-01-1967

पुण्यतिथि-  02-01-2002

गौत्र-          कौशिक

श्रीमती इंद्रावती भाटे

जन्म 01-01-1935
मोक्ष 12 -05 -2015

मेरी माताजी श्रीमती इंद्रावती भाटे का जन्म खरगोन के सभ्रांत परिवार में श्री नारायण शुक्ल वकील के यहाँ हुआ। कम उम्र में विवाह श्री नर्मदा शंकर भाटे जी से हुआ ।

उनकी उम्र 18 साल थी जब मेरा जन्म हुआ , माँ ने  ना सिर्फ मुझे पाल पोस कर बड़ा किया बल्कि नौकरी भी की। 1959 में उन्होंने शासकीय सेवा शिक्षक के रूप में जॉइन की। उस समय में जब महिलाओ के लिए नोकरी आसान नहीं होती थी, ना सिर्फ समाज से पर अपने परिवार से भी लड़ झगड़ कर नौकरी करी और मेरे लिए एक मां और बाप का रोल निभाया ।

श्री गौरीशंकर शर्मा "गौरीश"

श्री गौरीशंकर शर्मा "गौरीश"(मेरे पूज्य पिताजी)का जन्म कसरावद तहसील के ग्राम बलखड में वहां के जागीरदार स्व अमृतराव  कानूनगो के यहां 5/3/1931 को हुआ। कम उम्र में उनके पिताजी का निधन होने से कक्षा 7 वीं पास कर शिक्षक की नौकरी करली बाद में एम .ए . बी एड करने के बाद सहायक जिला शिक्षा अधिकारी के पद से सेवा निवृत्त हुए।

        बचपन से ही मां सरस्वती के आशीर्वाद से निमाड़ी कविताएं लिखने लग गए ओर सन् 1956 से 1998 तक आकाश वाणी द्वारा उनकी रचनाओं का सतत् प्रसारण हुआ। उनके द्वारा लिखित निमाड़ी की हो हो हर हर नरमदा माय ओर वीरपस  गीत  निमाड़ में लोक गीत के रूप में गाए जाने लगा है।

      उनके द्वारा रचित,रेवा की ल्यहर,निमाड़ी तुलसी दोहावली, गीता मानस जिसमें श्रीमद् भगवतगीता का निमाड़ी अनुवाद दोहा चौपाई में, नर्मदा पुराण निमाड़ी दोहा चौपाई में अनुवाद, सत्य नारायण की कथा प्रकाशित हो चुकी है साथ ही उनका हिंदी का कविता संग्रह प्रकाशित होना बाकी है। सरस्वती पुत्र पिताजी प्रकृति प्रेमी, श्रृंगार के कवि के साथ साथ मां नर्मदा के अनन्य भक्त थे।

   हम सभी भाई बहनों और गौरीश परिवार बलखड की और से सादर श्रद्धांजली और प्रणाम।

मोक्ष दिवस 09.09.2002

प्रकाश चन्द्र शर्मा, 

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Gaurishankar Sharma Gaurish