1906 - 1992
गोत्र कश्यप
खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील में खुड़गावँ नामक एक कस्बा है।वहां पर श्यामरावजी बिल्लोरे नाम से एक पटवारीजी थे।अच्छी खासी जमीन के मालिक थे।आसपास के गांवों में उनकी धाक जमी हुई थी।उनकी तीन पुत्रियाँ और एक पुत्र थे।
1906 - 1992
गोत्र कश्यप
खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील में खुड़गावँ नामक एक कस्बा है।वहां पर श्यामरावजी बिल्लोरे नाम से एक पटवारीजी थे।अच्छी खासी जमीन के मालिक थे।आसपास के गांवों में उनकी धाक जमी हुई थी।उनकी तीन पुत्रियाँ और एक पुत्र थे।
जन्म सन 1901 में तिथि से पौष माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा
आप खरगोन के मूल निवासी थे। खरगोन शहर के जमीदार मोहल्ले में मुरली मनोहर मन्दिर नाम से एक प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर है। वहाँ के पुजारी पण्डित नत्थू लालजी शुक्ल, जो कि भागवत कथा वाचक के नाम से जाने जाते थे, के तीन लड़के और एक लड़की थी।नारायणराव जी उनके मंझले पुत्र थे। इनका जन्म सन 1901 में, तिथि से पौष माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को हुआ था। माता का नाम श्रीमती नथी बाई था।