स्व. प्रोफेसर डॉ. विजयेन्द्र रामकृष्ण शास्त्री, ज्योतिष के मूर्धन्य विज्ञान एवं होल्कर स्टेट के विद्वत परिषद के आदरणीय आचार्य पं. रामकृष्ण शास्त्री के ज्येष्ठ पुत्र थे। डॉ. शास्त्री ने स्नातकोत्तर शिक्षा इंदौर से प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए उत्तीर्ण की। माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा श्री वैष्णव स्कूल के प्रथम मेरिट विद्यार्थी के रूप में उत्तीर्ण की थी। होल्कर महाविद्यालय से रसायन शास्त्र विषय में एम.एससी. प्रथम स्थान के साथ उनीर्ण को और छात्रसंघ के निर्विरोध अध्यक्ष भी रहे। खेलों में भी सदैव उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। समस्त कठिन योगासन वे सहजता से कर लेते थे। डॉक्टरेट उपाधि कालांतर में विक्रम विश्वविद्यालय से प्राप्त की। सन् 1964 से उज्जयिनी की कर्मस्थली के रूप में चुनकर यहीं के होकर रह गए।
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पं रामकृष्ण सिद्धेश्वर भट्ट
रहटाकलां, जिला हरदा , में रघुसन्त कई समाधि पर जन्मे मूल निवासी पं रामकृष्ण सिद्धेश्वर भट्ट, 1914 में धोती लोटा ले कर इंदौर आए, कुशाग्र बालक प्रतिभा के बल पर संस्कृत और ज्योतिष का विद्वान बना। लार्ड रिपन के नाम पर स्थापित, बनारस विश्वविद्यालय का गोल्ड मेडल मिला।
श्री संजय जगदीश चौरे
जन्म 24 जून 1971 - मोक्ष 28 जुलाई 2016
स्व. संजय चौरे (सुपुत्र स्व. श्री जगदीश चौरे) जो कि हमारे परिवार के हीरो के रूप में चर्चित रहे उनका जन्म 24 जून 1971 को उज्जैन में हुआ मात्र 19 वर्ष में उन्होंने हांगकांग जाकर नोकरी की उस समय में उज्जैन के नार्मदीय समाज से बिरले लोग ही विदेश जा पाते थे | 1995 में उन्होंने हांगकांग से पनामा जाकर वहाँ जाकर नोकरी की
श्री जगदीश चन्द्र चौरे उज्जैन
स्वर्गीय श्री जगदीश चन्द्र चौरे (सुपुत्र: स्व. श्री घांसीराम जी चौरे)हमारे पिताजी जिनका जन्म 1 फरवरी 1937 को खण्डवा जिला में हुआ 12 वर्ष की आयु में दादाजी के निधन के बाद इंदौर आये और संस्कृत महाविद्यालय में अध्ययन किया पिताजी जन्म कुंडली का विशेष ज्ञान रखते थे
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