जन्म:-. १-१-१९०१. पुण्यतिथि:-७-९-१९८९
गौत्र. कौशिक
आपका जन्म टाकली बडगॉव के पगारे परिवार मे हुवा, माता का नाम भागवन्ती बाई ! पूज्य दादा के बडे भाई का नाम गजानन था और सबसे बडी बहन थी उनका नाम हिरूबाई था,हिरूबाई का ससुराल मोयदे परिवार मण्डलेश्वर था ! बडे भाई का निधन गॉव मे फैली प्लैग बिमारी मे हुवा ! आपका जनेऊ संस्कार काशीजी मे हुवा !
दादा काविवाह भोईन्दा निवासी श्री दयारामजी व श्रीमती गुलाब बाई जोशी की पुत्री देवकुंवर बाई के साथ हुवा था ! आपके पॉंच पुत्र क्रमश स्व.सुन्दरलालजी , महेन्द्र कुमार , स्व. बाबुलालजी , स्व. राधेश्याम जी तथा कैलाश चन्द्र पगारे,दो पुत्रियॉ (१)स्व.शर्मिष्ठा जिनका विवाह आदरणीय त्रिभुवनसिहजी मण्डलोई धरमपुरी (२)सौ शारदाबाई पति आदरणीय केदार नाथ जी बिल्लोरे खरगौन है,!आपकी पत्नी का निधन दिनाक १७/१२/१९४५ को हुवा ! आपने बच्चो को शिक्षा के लिए सनावद मे ऱखा ! बच्चो ने भी शिक्षा ग्रहण कर नौकरी की ! सनावद से बडगॉव लगभग २२ किलोमीटर की दूरी पर है आवागमन के साधन नही के बराबर थे घर की गाडी बैल से यात्रा कर चार से पाच घण्टे मे जब बडगॉव से सनावद पहुचने मे लगते थे यह सबसे बडा संघर्ष , हमारे बडे भाई/दादा का था, और उपलब्धी यह रही कि जो संघर्ष किया उसे बच्चों को पढा लिखा कर पूर्ण कराने मे सफल रहे ,जो जीवन की महान उपलब्धी मानी जा सकती है !
पुत्र:
- महेन्द्र कुमार पगारे
- कैलाश चन्द्र पगारे
संघर्षो और पुरुषार्थ की जीवन्त प्रतिमूर्ति को शत शत नमन
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