1936 - 2006
मेरी माताजी श्रीमती शारदा नारमदेव का जन्म खरगोन के ख्यात नाम वकील श्री नारायण राव शुक्ल के यहाँ हुआ । उनकी माताजी श्रीमती पार्वती शुक्ल थीं।
विवाह श्री सुरेश चंद्र नारमदेव जी के साथ हुआ जोकि धार निवासी थे ।
अत्यंत धार्मिक प्रवत्ति के साथ सेवा भावना भी खूब थी, महेश्वर रहते हुए देखा कि परिक्रमा वासियों सन्यासियों के लिए यथासंभव अन्न और ठंडे जल का प्रबंध करतीं थीं। शिव उपासना में कोई गतिरोध नही रहता था।
विवाह के उपरांत भी परिवार के सहयोग से अपनी पढ़ाई जारी रखी व खण्डवा से BTI प्रशिक्षण लेकर शिक्षक के रूप में शासकीय सेवा की।
अपने पिता (श्री नारायण शुक्ल वकील ) की तरह ईमानदारी और कर्मठता से भरपूर जीवन जिया।
04 मार्च 1936
26 मई 2006 चतुर्दशी
नारमदेव परिवार के अनन्त श्रद्धासुमन के साथ प्रणाम।
(रवि नारमदेव)
--------------------------------------------
sharda naramdeo, shukla
सादर प्रणाम करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDelete🙏🙏🙏